वॉशिंगटन। नासा की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर, जो 5 जून को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन से बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट पर सवार होकर अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुए थे, 81 दिनों से वहीं फंसे हुए हैं।
6 जून को उनकी वापसी होनी थी, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में खराबी के कारण वे अंतरिक्ष में ही रह गए। अब नासा ने कहा है कि 24 सितंबर के बाद ही यह तय हो पाएगा कि सुनीता और बुच धरती पर वापस आ सकेंगे या नहीं।
लॉन्चिंग से पहले ही स्पेसक्राफ्ट में कुछ समस्याएं आ रही थीं। 5 जून को लॉन्च के समय स्पेसक्राफ्ट के ऑक्सीडाइजर फ्लो कंट्रोल वॉल्व में गड़बड़ी हो गई थी, लेकिन लॉन्चिंग हो गई। जब उन्हें वापस लौटना था, तब स्पेसक्राफ्ट से हीलियम लीक होने लगा।
नासा अब अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है। अगर बोइंग स्टारलाइनर सुनीता और बुच को वापस लाने में सक्षम नहीं होता है, तो स्पेसएक्स का ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट उपयोग किया जा सकता है। सितंबर में स्पेसएक्स का एक एयरक्राफ्ट लॉन्च होने वाला है, जिसमें 4 के बजाय 2 ही एस्ट्रोनॉट्स को भेजा जाएगा, ताकि बाकी जगह सुनीता और बुच के लिए हो।
इसके अलावा, रूस की मदद भी ली जा सकती है। रूस का एक मिशन चल रहा है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर दो रूसी एस्ट्रोनॉट्स हैं। ये एस्ट्रोनॉट्स सितंबर में अपना एक साल का मिशन पूरा करेंगे, और उन्हें लेने के लिए एक रूसी स्पेसक्राफ्ट भेजा जाएगा। अगर रूस 5 या 6 सीटों वाला स्पेसक्राफ्ट भेजता है, तो सुनीता और बुच भी धरती पर लौट सकते हैं।