–त्रिलोक चन्द्र भट्ट
हरिद्वार। उत्तराखण्ड पारिस्थितिकीय पर्यटन सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री) ओमप्रकाश जगदग्नि ने कहा है कि उत्तराखंड में पारिस्थितिकी पर्यटन (इकोटूरिज़्म) के विकास के लिए वन क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियां शुरू करना, शीतकालीन पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में पारिस्थितिकी पर्यटन पहल का ध्यान- वन्यजीव दर्शन, पर्यावरण संरक्षण और क्षेत्र की समृद्ध वनस्पतियों और जीवों की रक्षा के लिए प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड आने वाले प्रकृति प्रेमी प्राकृतिक क्षेत्रों की यात्रा इस प्रकार से करें कि जिससे स्थानीय वन्य जीवन, पर्यावरण और स्थानीय निवासियों के हित संरक्षित रहें और उन्हें लाभ पहुँचे।
श्री जमदग्नि ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार उत्तराखंड में पारिस्थितिकी पर्यटन (इकोटूरिज़्म) की बढ़ावा देने के लिए कई नई पहल कर रही हैं। इनमें वन क्षेत्रों में पर्यटन गतिविधियां शुरू करना, शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देना, और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पारिस्थितिकी पर्यटन के लिए वन विभाग ने राज्यभर में कई जगहों को ईको टूरिज़्म के लिए चुना है। जिनमें से करीब दो दर्जन जगहों को विकसित करने का काम शुरू भी हो गया है। इन सभी जगहों पर नज़दीकी ईको डेवलपमेंट कमेटी और स्थानीय ग्रामीणों की समितियों के ज़रिए ईको टूरिज़्म की गतिविधियां चलाई जाएंगी।
इको टूरिज्म के विकास को बढ़ावा देना पहली प्राथमिकता : जमदग्नि
