नैनीताल। उत्तराखण्ड के प्रसिद्ध छायाकार व यूट्यूबर अमित साह के निधन पर उत्तराखण्ड के मीडियाकर्मियों की प्रमुख राज्यस्तरीय पंजीकृत संस्था ‘नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ (एनयूजे उत्तराखण्ड) ने गहरा दुख और शोक व्यक्त किया है।
यूनियन की ओर से जारी बयान में श्री साह के निधन को उत्तराखण्ड ही नहीं देश के लिए अपूर्णीय क्षर्ति बताते हुए कहा है कि अमित साह के रूप में हमने एक युवा छाया फोटोग्राफर ही नहीं बल्कि बेहतरीन उभरते हुए यूट्यूबर व पर्वतारोही भी खोया है। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने कहा है कि अमित साह की फोटोग्राफी की केवल उत्तराखण्ड और देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अच्छी पहचान थी। उत्तराखण्ड के अनेक विभागों के कलेंडरों में भी उनके द्वारा खींचे गये चित्रों का प्रकाशन हुआ है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2019 में उनके द्वारा 2017 में खींची गयी फोटो को इंटरनेशनल माउंटेन डे के अवसर पर बनाई गई स्पेशल पोस्ट में जगह दी गई थी।
अमित साह के निधन पर शोक व्यक्त करने वालों में यूनियन प्रदेश अध्यक्ष त्रिलोक चन्द्र भट्ट, उपाध्यक्ष अमरजीत सिंह एवं संदीप पाण्डे, महासचिव सुनील मेहता, सचिव हरपाल सिंह सैनी एवं गोपालदत्त गुरूरानी, संगठन मंत्री जगदीश उपाध्याय एवं गिरीश सिंह बिष्ट, प्रचार मंत्री पुष्पेन्द्र राणा एवं हयात राम आर्य, कोषाध्यक्ष शशि शर्मा, कार्यकारिणी सदस्य धनसिंह बिष्ट, कैलाश चन्द्र भट्ट, सुनील शर्मा, जोध सिंह रावत, अरूण कुमार मोगा, स्वराजपाल, राजकुमार केसरवानी, धर्मानन्द खोलिया, सहित तमाम जिला इकाइयों के अध्यक्ष, नैनीताल की जिलाध्यक्ष दया जोशी, हरिद्वार के जिलाध्यक्ष प्रमोद कुमार पाल, बागेश्वर के जिलाध्यक्ष कालिका रावल, चम्पावत के जिलाध्यक्ष जगदीश राजय, अल्मोड़ा के जिलाध्यक्ष डीएस रावत व महासचिव सहि सभी पदाधिकारियों और नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) की अनुशांगिक इकाइयों ने पदाधिकारी और सदस्यगण शामित रहे।
गौरतलब है कि अमित साह का जन्म 15 जनवरी 1982 को नैनीताल में हुआ था। बीते कुछ वर्षों में अपनी फोटोग्राफी के शौक के चलते उन्होंने अपने लिए एक अलग जगह बना ली थी। नैनीताल के ही सीआरएसटी इंटर कॉलेज और उसके बाद डीएसबी कैंपस से अपनी पढ़ाई पूरी करते हुए अमित ने बी. कॉम. और एम.ए. की डिग्रियां हासिल कीं। फोटोग्राफी करते हुए उन्हें अभी कोई दस साल ही बीते होंगे। वर्ष 2013 में एक सुबह नैनीताल में अपने जिम की तरफ जाते हुए उन्होंने मोबाइल फोन से एक फोटो खींचा। इत्तफाक से उसी दिन अमर उजाला में सूचना छपी कि अगले कुछ दिनों में अखबार अपने पाठकों द्वारा मोबाइल से खींचे गए फोटो छापेगा। अमित ने यूं ही वह फोटो भेज दिया और उक्त सीरीज में छपने वाला वह पहला फोटो बना। तब अमर उजाला के तत्कालीन स्थानीय सम्पादक सुनील साह ने विशेष रूप से इस फोटो की तारीफ़ की थी। यह घटना अमित के करियर को नया मोड़ दे गई। तब उन्होंने अपना पहला कैमरा खरीदा और तब से आज मृत्युपर्यन्त लगातार अपनी रचनात्मकता और बेहतरीन दृष्टि के चलते उत्तरोत्तर अपनी कला निखारते आ रहे थे। बताया गया कि बीती रात 43 वर्षीय अमित साह का स्वास्थ्य अचानक खराब हो गया था। उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन डाक्टरों के अथक प्रयास के बावजूद उन्हें नहीं बचाया जा सका।