हरिद्वार आने वाले यात्रियों के साथ दुकानदारों द्वारा रेट को लेकर भिड़ने और मारपीट की घटनाएं तो आपने सुनी और देखी होंगी। लेकिन अब इसमें स्थानीय वाहन चालकों का भी नाम जुड़ गया है। जो यात्रियों को जबरन अपने वाहनों में बैठाने की कोशिश करते देखे जाते हैं। बीते दिन ऐसा का वाक्या रेलवे स्टेशन के बाहर हुआ जहां स्टेशन से उतरने वाले यात्रियों को अपने वाहनों में लेकर जाने को विवाद हो गया। यात्री अपनी सुविधा के अनुसार गनतव्य को जाना चाह रहे थे, लेकिन उनके साथ जबरदस्ती कर रहे टैक्सी चालक और उनसे ही जुड़े यूनियन के कुछ लोग यात्रियों पर लाठियां उठाते नजर आये। यह किसी से छिपा नहीं है कि हर स्टेशन पर उतरने के बाद यात्री अपनी सुविधा के अनुसार टैक्सी, आटो या ईरिक्शा से जाना चाहते हैं, लेकिन हरिद्वार स्टेशन के बाहर टैक्सी और टैंपो चालक यात्रियों को जबरन अपने-अपने वाहनों में बैठने के लिए मजबूर करते हैं। इसके चलते कईं बार यात्रियों और टैक्सी-टैंपों चालकों में विवाद भी हुआ है। गत दिवस भी इसी तरह का मामला सामने आया। जिसमें विवाद बढ़ने पर टैक्सी चालकों ने यात्रियों पर जमकर लाठियां बरसाई। रेलवे और रोडवेज के बीच करीब आधे घंटे तक वाहन चालकों का तांडव चलता रहा, उनके समर्थन में यूनियन से जुड़े कुछ लोग भी गिरोहबंद होकर उतर आये। लेकिन बीच बचाव के लिए एक भी पुलिसकर्मी आगे नहीं आया। रेलवे स्टेशन और बस अड्डे की बीच हुई घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमें कई राहगीर भागने के चक्कर में गिरते दिखाई दे रहे हैं।