वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को कैबीनेट की मंजूरी, शीतकालीन सत्र में संसद पारित कराने की तैयारी

नई दिल्ली। मोदी कैबिनेट ने बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर वन नेशन वन इलेक्शन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। यह देश की 543 लोकसभा और सभी राज्‍यों की 4130 विधानसभा सीटों पर एक साथ चुनाव कराने का बड़ा कदम है। इस मामले में सरकार कदम दर कदम आगे बढ़ रही है। शीतकालीन सत्र में संसद से इस प्रस्ताव को पारित कराने की सरकार की तैयारी है।
नई दिल्ली में आयोजित कैबिनेट मीटिंग में एक देश एक चुनाव का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘यह लोगों की लंबे समय से लंबित मांग रही है और हम इसे लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए लाए हैं. इसका कोई राजनीतिक मकसद नहीं है।’ पीएम ने कहा, ‘महत्वपूर्ण पहलू देश के लोगों को ओएनओपी की नाविक विशेषताओं के बारे में शिक्षित करना होगा। हमने केवल उसी का सम्मान किया है जो देश के लोग बहुत लंबे समय से चाहते रहे हैं। लगातार चुनाव, शासन और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कानून व्यवस्था पीछे रह जाती है और यह किसी भी देश के लिए अच्छा नहीं है।’
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक साथ निर्वाचन कराने के मुद्दे पर पूर्व.राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशें स्वीकार कर ली हैं। जिनका विवरण इस प्रकार है।
एक साथ निर्वाचन: उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशें

  1. 1951 से 1967 के बीच एक साथ निर्वाचन संपन्न हुए हैं।
  2. विधि आयोग: 170वीं रिपोर्ट (1999): पांच वर्षों में एक लोकसभा और सभी विधानसभाओं के लिए एक निर्वाचन।
  3. संसदीय समिति की 79वीं रिपोर्ट (2015): दो चरणों में एक साथ निर्वाचन कराने के तरीके सुझाए गए।
  4. रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति ने राजनीतिक दलों और विशेषज्ञों सहित व्यापक तौर पर हितधारकों से विस्तृत परामर्श किया।
  5. रिपोर्ट ऑनलाइन उपलब्ध है: https://onoe.gov.in
  6. व्यापक फीडबैक से पता चला है कि देश में एक साथ निर्वाचन कराने को लेकर व्यापक समर्थन है।
    सिफारिशें और आगे का रास्ता
  7. दो चरणों में लागू करना।
  8. पहले चरण में: लोकसभा और विधानसभा का निर्वाचन एक साथ कराना।
  9. दूसरे चरण में: आम चुनावों के 100 दिनों के भीतर स्थानीय निकाय के लिए निर्वाचन (पंचायत और नगर पालिका) कराना।
  10. सभी निर्वाचनों के लिए एकसमान मतदाता सूची।
  11. पूरे देश में विस्तृत चर्चा शुरू करना।
  12. एक कार्यान्वयन समूह का गठन करना।

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