नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स एक परिचय
नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, उत्तराखण्ड के मीडियाकर्मियों का प्रमुख राज्यस्तरीय पंजीकृत संगठन है। प्रेस की स्वतंत्रता के लिए सतत् प्रयत्नशील रहने तथा श्रमजीवी पत्रकारों, और समाचार पत्र-पत्रिकाओं से जुड़े रचनाकारों को संगठित कर पत्रकारिता के उच्च आदर्शों को स्थापित करने के उद्देेश्य से 8 अप्रेल, 2012 को साहित्यकार एवं वरिष्ट पत्रकार श्री त्रिलोक चन्द्र भट्ट के नेतृत्व में हरिद्वार में उत्तराखण्ड के मीडियाकर्मियों की प्रमुख संस्था ‘नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स’ का गठन हुआ।
12 नवंबर, 2012 को ट्रेड यूनियन एक्ट 1926 के अधीन श्रम विभाग में पंजीकरण के उपरान्त यूनियन ने उत्तराखण्ड के हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी, चमोली, उधमसिंहनगर, नैनीताल, अल्मोडा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, चम्पावत, पौड़ी आदि विभिन्न जनपदों में इकाईयाँ गठित कर संगठनात्मक गतिविधियां प्रारंभ की। तभी से यह संस्था मीडियाकर्मियों के कल्याण और उनके हितों के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों के साथ जुड़कर पूरे राज्य में निरंतर अपनी गतिविधियाँ संचालित कर रही है।
पत्रकारिता के उच्च मानदंडों की स्थापना हेतु पत्रकारों के लिए प्रशिक्षण शिविर, कार्यशालाएं, गोष्ठियॉं, शैक्षिक भ्रमण एवं सम्मेलनों आदि का आयोजन, यूनियन के सदस्यों एवं उनके आश्रितों के लिए नियोजन, छात्रवृत्ति, आकस्मिक सहायता निधि आदि कल्याणकारी योजनाओं का संचालन, यूनियन के सदस्यों की पत्रकारिता क्षेत्र में सेवा संबंधी कठिनाइयों व सस्याओं के निवारण हेतु यथासंभव मार्गदर्शन और सहायता करने तथा पत्रकार हितों के संरक्षण के लिए समुचित वैधानिक एवं नीतिगत व्यवस्थाएं कर उन्हें कार्यान्वित करवाना यूनियन ने अपना लक्ष्य बनाया है।
लघु समाचार पत्र-पत्रिकाओं के स्वामी, दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, पत्र-पत्रिकाओं एवं इलैक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने वाले व्यक्ति तथा प्रदेश, जिला, तहसील, विकास खण्ड अथवा नगर मुख्यालयों में कार्यरत् सक्रिय संवाददाता, ब्यूरो प्रमुख, संपादक, उप-संपादक, फीचर राइटर, पू्रफ रीडर, कापीराइटर, कार्टूनिस्ट और प्रेस छायाकारों को नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने अपने साथ जोड़ा है। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स अर्थात (एन.यू.जे. उत्तराखण्ड) के नाम से यह मीडियाकर्मियों की उत्तराखण्ड में पंजीकृत एक मात्र ऐसी राज्य स्तरीय यूनियन है जिसमें सिर्फ पत्रकार ही नहीं बल्कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से जुड़े अन्य सहकर्मी, साहित्यकार, कवि और लेखक भी सदस्य हैं।
सरकारी समितियों में प्रतिनिधित्व:
नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स मीडियाकर्मियों के हित और कल्याण के लिये विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं में पत्रकारों का प्रतिनिधित्व कर रही है। वर्ष 2015 में यूनियन की प्रदेश कार्यकारिणी के पूर्व सदस्य एवं वरि. पत्रकार बालेश बवानिया भारत सरकार, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी)/केंद्रीय संचार ब्यूरो की विज्ञापन मान्यता समिति में नामित हुए। इस समिति में पूरे देश से इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया तथा लघु एवं मझोले समाचार पत्रों के प्रतिनिधि के रूप में केवल 3 पत्रकार नामित होते हैं।
राज्य निर्माण के बाद उत्तराखण्ड से डीएवीपी/केंद्रीय संचार ब्यूरो में नामित होने वाले बालेश बवानिया पहले पत्रकार रहे। इसी तरह उत्तराखण्ड में राज्य गठन के बाद वर्ष 2016 में बने पहले पत्रकार कल्याण कोष में भी नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स को स्थान मिला। यूनियन प्रतिनिधि के रूप में तत्कालीन महासचिव श्री निशीथ सकलानी और उनके बाद महासचिव श्री सुरेश पाठक अलग-अलग वर्षों में प्रिंट मीडिया विज्ञापन मान्यता समिति में गैर सरकारी सदस्य के रूप में नामित हुये।
वर्ष 2021 में यूनियन के संस्थापक अध्यक्ष एवं संरक्षक श्री त्रिलोक चन्द्र भट्ट को उत्तराखण्ड शासन द्वारा पत्रकार कल्याण कोष संचालन समिति में 2 वर्ष के लिए बतौर सदस्य नामित किया। समिति सदस्यों के साथ उनके रचनात्मक सुझाव और सहयोग से पत्रकार कल्याण कोष से राज्य के अनेक संकटाग्रस्त पत्रकारों और उनके आश्रितों को उत्तराखंड राज्य गठन के बाद पहली बार सवा करोड़ से अधिक की सहायता राशि सहजता से उपलब्ध हुई है। वर्ष 2022 में ही श्री भट्ट को उत्तराखण्ड सरकार द्वारा महान स्वतंत्रा सेनानी एवं पत्रकार स्व. रामप्रसाद बहुगुणा राज्यस्तरीय पुरस्कार चयन समिति में सदस्य नामित किया गया।
पत्रकार हित में सतत् संर्घष:
उत्तराखण्ड के पत्रकारों के लिए निःशुल्क यात्रा सुविधा, आपदा ग्रस्त, उपचाराधीन और बीमार पत्रकारों को बेहतर चिकित्सा के लिये राज्य से बाहर चिकित्सालयों की सुविधाएं, पत्रकारों को गु्रप इंश्योरेंस योजना के अंतर्गत कवर करने, प्रेस मान्यता, विज्ञापन मान्यता और पत्रकार कल्याण कोष संचालन नियमावली में संशोधन, राज्य से प्रकाशित लघु और मझोले समाचार पत्रों के प्रोत्साहन के लिये अलग से नीतियां बनाने तथा पत्रकार सुरक्षा कानून लागू कर पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित कराने सहित नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, पत्रकारों और मीडियाकमिर्यों के हितों से जुड़े अनेक मुद्दे समय-समय पर सरकार और शासन के समक्ष उठाती रही है।
यूनियन ने समाचार पत्र प्रकाशकों की सुविधा के लिये डीएवीपी/केंद्रीय संचार ब्यूरो भारत सरकार की ऑन लाइन विज्ञान व बिल जमा कराने वाली प्रणाली की तरह ही उत्तराखण्ड में भी यह सिस्टम लागू कराने के साथ सूचना निदेशालय में पत्र और फाइल ट्रेकिंग सिस्टम लागू कराने की मांग भी उठायी है। यूनियन इस बात को भी प्रमुखता से उठाती रही है कि राज्य के अधिसूचित जिन प्रेस क्लबों को किसी भी प्रकार की सरकारी निधि या अन्य सहायता मिलती है उसकी मानीटरिंग के लिए नोडल अधिकारी या नोडल विभाग की नियुक्ति की जाय।
उत्तराखण्ड से प्रकाशित स्थानीय लघु और मझोले समाचार पत्रों के साथ राज्य की क्षेत्रीय भाषा गढ़वाली, कुमाउंनी और जौनसारी में प्रकाशित समाचार पत्र-पत्रिकाओं को विशेष विज्ञापन प्रोत्साहन देने, स्वतंत्रता पूर्व से प्रकाशित समाचार पत्रों को हैरिटेज अखबार का दर्जा देने जैसे अनेक मामलों पर यूनियन ने सरकार व शासन को सुझाव भी दिये हैं। इनमें से कई सुझावों पर अमल और मांगें पूरी हुई हैं, कुछ मांगों पर कार्यवाही गतिमान है। जिनके निकट भविष्य में शीघ्र ही पूर्ण होने की उम्मीद है। यूनियन भविष्य में भी राज्य के पत्रकारों और प्रकाशकों के हित में उनकी समस्याओं को हर मंच पर पुरजोर तरीके से उठाने के लिये प्रतिबद्ध है।
एन.यू.जे. मीडिया वेलफेयर फाउण्डेशन (ट्रस्ट):
पत्रकारों, मीडियाकर्मियों, लेखकों, साहित्यकारों, संस्कृति कर्मियों उनके पारिवारिक सदस्यों एवं आश्रितों के साथ-साथ देश-प्रदेश के जरूरतमंद, दीन-हीन, गरीब लोगों की विभिन्न समस्याओं और मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय व राज्य स्तर पर सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों तथा मंचों पर प्रतिनिधित्व करने जैसे महत्वपूर्ण उद्धेश्यों को लेकर 19 जुलाई, 2016 को यूनियन ने एन.यू.जे. मीडिया वेलफेयर फाउण्डेशन (ट्रस्ट) का भी पंजीकरण कराया है।
शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, कला, खेल कूद, लेखन व पत्रकारिता सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली प्रतिभाओं को उनकी योग्यता, उपलब्धियों और प्रयासों के लिए समय-समय पर प्रोत्साहित एवं सम्मानित करने के साथ-साथ गरीब, असहाय, विकलांग और अशक्त लोगों के लिये चिकित्सा, शिक्षा, स्वरोजगारोन्मुख कार्य तथा पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले पत्रकारों के पुत्र-पुत्रियों को छात्रवृत्ति प्रदान करना ट्रस्ट का मुख्य उद्धेश्य है।
एनयूजे इमरजेंसी रिलीफ फंड (ट्रस्ट)
नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने संस्थागत स्तर पर पत्रकारों एवं मीडियाकर्मियों की समस्याओं केे समाधान के लिये सतत् संघर्ष से साथ-साथ एन.यू.जे.मीडिया वेलफेयर फाउण्डेशन (ट्रस्ट) की स्थापना तो की ही है, उत्तराखण्ड सहित देश केे जरूरतमंद, और निर्धन पत्रकारों, मीडियाकर्मियों, लेखकों, साहित्यकारों आदि को दुर्घटना जैसी आपात स्थिति में तात्कालिक सहयोग और सहायता प्रदान कर उनकी हरसंभव मदद किये जाने की आवश्यकता महसूस करते हुए लोक कल्याण की भावना से वर्ष 2018 में एनयूजे इमरजेंसी रिलीफ फंड (ट्रस्ट) के माध्यम से सामाजिक और सेवा कार्यों की एक नई पहल शुरू की है। निकट भविष्य में निश्चित रूप से यह पहल संस्थागत सदस्यों के साथ-साथ अन्य मीडियाकर्मियों की मदद कर उत्तराखण्ड की पत्रकारिता की दशा और दिशा का भी रूख बदलने में कामयाब होगी।
हिंदी मासिक पत्रिका उत्तर पथ:
यूनियन केे सदस्यों के साथ ही रचनाधर्मी लोगों को अपनी अभिव्यक्ति के साथ लेखन के क्षेत्र से जोड़ने के लिये नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने फरवरी, 2016 से हिंदी मासिक पत्रिका ‘उत्तर पथ’ का प्रकाशन आरंभ करते हुए संगठनात्मक स्तर पर प्रकाशन के क्षेत्र में भी कदम रखा है। तभी से यह पत्रिका निर्बाध रूप से नियमित प्रकाशित हो रही है।
उत्तराखण्ड के विकास, शिक्षा, साहित्य, संस्कृति, कला आदि विविध विषयों के समावेष के साथ संगठन के कार्यक्रम, सूचनाएं और विभिन्न गतिविधियों के साथ ही समसामयिक घटनाओं पर उपयोगी जानकारी देने वाली यह हिंदी पत्रिका सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार डीएवीपी/केंद्रीय संचार ब्यूरो और सूचना एवं लोक संपर्क विभाग उत्तराखंड द्वारा विज्ञापन मान्यता प्राप्त है। उत्तराखंड के किसी मीडिया संगठन द्वारा प्रकाशित यह राज्य की पहली और एकमात्र पत्रिका है।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म:
आधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफार्म से जुड़कर नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट़स उसका पूरा सदुपयोग कर रही है। जन सरोकारों से जुड़ी अपनी रचनात्मक गतिविधियों को प्रदेश ही नहीं देश-दुनिया तक पहुंचाने के लिये यूनियन सोशल मीडिया में सक्रिय रहते हुए फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, टेलीग्राफअ आदि के माध्यम से भी समाज के विभिन्न वर्गों के साथ रचनात्क संवाद कर रही है।
नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की विभिन्न इकाइयॉं अपने-अपने जनपदों व क्षेत्रों में प्रत्येक वर्ष संस्था के वार्षिक कलेंडर के अनुसार विविध कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं। इनमें संगोष्ठियां, हिंदी पत्रकारिता दिवस, ‘हौसलों की उड़ान’ नाम से दिव्यांग प्रतिभाओं के लिये ‘प्रतिभा सम्मान’ और वार्षिक सम्मेलन के साथ-साथ चिकित्सा, शैक्षिक उन्नयन और पर्यावरण संरक्षण जैसी अनेक सामाजिक गतिविधियों मे सहभागिता करना शामिल है। प्रदेशभर के विभिन्न जिलों में संस्था इस तरह के आयोजन करती रही है। जिनमें सर्वाधिक कार्यक्रम हरिद्वार जनपद में आयोजित हुए हैं।
हौसलों की उड़ान:
वर्ष 2013 में सामाजिक सरोकारों से जुड़ कर नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स ने ‘हौसलों की उड़ान’ नाम से वार्षिक अनुष्ठान का शुभारंभ किया है, जिसके अंतर्गत प्रतिवर्ष नेत्रहीन, मूक-बधिर, शारीरिक व मानसिक रूप से अशक्त दिव्यांगो को मार्गदर्शन, सुविधाएं, प्रोत्साहित और पुरस्कृत कर उनका मनोबल बढ़ाने के लिये प्रतिभा सम्मान एवं सेमीनारों का आयोजन किया जाता है। इस कार्यक्रम में उन प्रतिभाओं को भी मंच प्रदान किया जाता है, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से विभिन्न क्षेत्रों में प्रसिद्धि पायी है या सफलता के मुकाम हासिल किये हैं।
इस कड़ी में हरिद्वार जनपद के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चरणबद्ध तरीके से सर्वाधिक सेमीनार और प्रतिभा सम्मान कार्यक्रम आयोजन किये गये हैं।नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स अब तक शिक्षा, साहित्य, कला, संगीत, संस्कृति, खेल-कूद आदि विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली सैकड़ों दिव्यांग, अनाथ विद्यार्थियों व प्रतिभाओं को ‘हौसलों की उड़ान’ कार्यक्रम के माध्यम से पुरस्कृत और सम्मानित कर चुकी है। दिव्यांग प्रतिभाओं के लिये देश के किसी मीडिया संगठन द्वारा आयोजित किया जाने वाला ‘हौसलों की उड़ान’ नामक यह कार्यक्रम अपनी तरह का पहला और अपने आप में ऐसा अनूठा आयोजन है जिसे सर्वत्र सराहना मिली है।
हिंदी पत्रकारिता दिवस:
हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर पत्रकारिता से जुड़े विविध विषयों पर गोष्ठी और सेमीनारों के आयोजन के साथ लेखन और पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाली प्रतिभाओं के उत्साहवर्धन के लिये भी संस्था द्वारा समय-समय पर पुरस्कार और सम्मान प्रदान किये जाते रहे हैं। इस कड़ी में विभिन्न जनपदों में समसामयिक विषयों पर संगोष्ठियों सहित गढ़वाल मंडल में उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय, हरिद्वार एवं कुमाऊँ मंडल में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी में बड़े सेमीनारों के आयोजन किये जा चुके हैं। संस्था का प्रयास है कि इस तरह के कार्यक्रम निरंत आयोजित किये जाते रहें।
राष्ट्रीय प्रेस दिवस:
प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा और पत्रकारिता मे उच्च आदर्श स्थापित करने के लिये भारतीय प्रेस परिषद द्वारा समय-समय पर जारी आदेश निर्देश के अनुपालन में यूनियन के सदस्य राष्ट्रीय प्रेस दिवस से संबंधित कार्यक्रमों मे भी उत्साहपूर्वक सहभागिता करते हैं। पत्रकारिता और जन मुद्दों पर हरिद्वार, देहरादून, नैनीताल, उधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ जनपदों में अनेक सेमीनारों के आयोजन हो चुके हैं, जिनमें क्षेत्र के जन प्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, शिक्षाविद्, साहित्यकार एवं पत्रकारों के साथ-साथ आम जनता भी शामिल होती रही है।
शैक्षिक उन्नयन:
मई, 2016 से यूनियन द्वारा विद्यार्थियों के शैक्षिक विकास की पहल करते हुये प्राथमिक विद्यालयों से लेकर इण्टरमीडिएट तक के विद्यालयों के लिये ‘शैक्षिक उन्नयन’ श्रृंखला का सुभारंभ किया गया है। विद्यार्थियों की प्रतिभा विकास के लिये विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजनों में पर्यावरण संरक्षण, छात्राओं व महिलाओं की सामाजिक सुरक्षा, भाषा तथा विज्ञान विषयों पर व्याख्यान के साथ-साथ चित्रकला और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं के आयोजन कर विद्यार्थियों को शिक्षा व सहपाठीय क्रिया क्लापों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिये उन्हें पुरस्कृत कर सम्मानित किया गया। इस दौरान विद्यालयों को पठन-पाठन में उपयोग होने वाली स्टेशरी, पुस्तकें, ब्लेक बोर्ड पेंट, डस्टर आदि सामग्री भी निःशुल्क उपलब्ध कराई जाती रही हैं। जबकि सैकड़ों निर्धन छात्र-छात्राओं को निरन्तर स्कूल आने के लिये प्रेरित करते हुए पुस्तकें, कापी, पेन-पेन्सिल बाक्स सहित निःशुल्क स्कूल बैग भी संस्था द्वारा उपलब्ध कराये गये हैं।
पर्यावरण संरक्षण:
नेशनलिस्ट यूनिय ऑफ जर्नलिस्ट्स पर्यावरण संरक्षण के प्रति भी पूर्णतः प्रतिबद्ध है। पालीथीन उन्मूलन और वृक्षारोपण अभियानों के अंतर्गत संस्था ने सक्रिय भागीदारी निभाते हुए सामाजिक जागरण का भी कार्य किया है। संस्था प्रतिवर्ष विश्व पर्यावरण दिवस एवं हरेला पर्व के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में पौधारोपण कार्यक्रमों के आयोजन करती है। पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर परिचर्चाएं और संगोष्ठियों के आयोजन भी यूनियन द्वारा किये जाते हैं।
नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखंड) अपनी स्थापना के समय से ही अपने जिन उद्धेश्य और लक्ष्य को लेकर कार्य कर रही है उसमें संस्था ने हमेशा प्रतिभावान मीडियाकर्मियों को आगे बढने का अवसर प्रदान किया है। संगठन में भी स्वच्छ छवि के इमानदार मीडियाकमिर्यों को ही दायित्व प्रदान करने में प्राथमिकता प्रदान की गयी है। पीत पत्रकारिता करने वाले और अति महत्वाकांक्षी लोगों को यूनियन ने हमेशा बाहर का रास्ता दिखाया है या उनसे दूरी बनाकर रखी है। समाजहित की स्वस्थ सोच के साथ संगठन के आगे बढ़ने का उद्धेश्य एक स्वच्छ एवं स्वस्थ विचारधारा के लोगों को सामाजिक सरोकारों से जोड़ कर देश और समाजहित में कुछ नया और अलग हट कर करने का प्रयास है। अगर सभी ने एक जुट होकर इस मुहिम में साथ दिया तो निश्चित रूप से संस्था मीडियाकर्मियों और समाज को नई दिशा देने में सफल होगी।
यूनियन कार्यक्षेत्र:
यूनियन का कार्यक्षेत्र संपूर्ण उत्तराखण्ड राज्य है।
यूनियन के उद्देश्य:
- प्रेस की स्वतंत्रता के लिए सतत् प्रयत्नशील रहना।
- श्रमजीवी पत्रकारों, और समाचार पत्र-पत्रिकाओं से जुड़े रचनाकारों को संगठित कर पत्रकारिता के उच्च आदर्शों को स्थापित करना।
- पत्रकार हितों के संरक्षण के लिए समुचित वैधानिक एवं नीतिगत व्यवस्थाएं कर उन्हें कार्यान्वित करवाना।
- आवश्यकता पड़ने पर शांतिपूर्वक, लोकतांत्रिक एवं वैधानिक तरीके से सत्याग्रह, आन्दोलन आदि प्रतिरोधात्क कार्रवाई करना।
- पत्रकारिता के उच्च मानदंडो की स्थापना हेतु पत्रकारों के लिए प्रशिक्षिण शिविर, कार्यशालाएं, गोष्ठियॉं, शैक्षिक भ्रमण एवं सम्मेलनों आदि का आयोजन।
- यूनियन के सदस्यों एवं उनके आश्रितों के लिए नियोजन, छात्रवृत्ति, आकस्मिक सहायता निधि आदि कल्याणकारी योजनाओं का संचालन।
- यूनियन के सदस्यों की पत्रकारिता क्षेत्र में सेवा संबंधी कठिनाइयों/सस्याओं के निवारण हेतु यथासंभव मार्गदर्शन और सहायता करना।
- पत्रकारों और यूनियन के सदस्यों के लिए समाचार पत्र, पत्रिकाएं, पुस्तकें तथा स्मारिकाएं आदि बहुपयोगी सामग्री का प्रकाशन।
- विभिन्न अवधि के समाचार पत्र, पत्रिकाएं, पुस्तकें प्रकाशन और मुद्रणालय/प्रेस की स्थापना के लिए सहकारी समितियों का गठन और सहकारिता को प्रोत्साहन देना।
- समान विचारधारा वाले पत्रकार संगठनों के साथ समन्वय स्थापित कर पत्रकार हितों के लिए साझा कार्यक्रम तय करना।
- भारत के विभिन्न प्रान्तों तथा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पत्रकारिता और विविध रचनात्मक विषयों पर आयोजित संगोष्ठियों, कार्यशालाओं, बैठकों में यूनियन की ओर से प्रतिभागिता कर विचारों को साझा करना।
- राज्य व केंद्र सरकार द्वारा विदेशों में भेजे जाने वाले पत्रकार दलों व प्रतिनिधियों में यूनियन के सदस्यों को नामित करवाने या प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए प्रयास करना।
- समय-समय पर विभिन्न विषयों पर संस्तुतियां प्रस्तुत करने हेतु गठित आयोगों एवं समितियों में पत्रकारों को समुचित प्रतिनिधित्व प्रदान करने का प्रयास करना।
- समाजिक विकास के कार्यक्रमों में सरकार, शासन-प्रशासन और सामाजिक संगठनों को सहयोग, समर्थन और मार्गदर्शन प्रदान करना।
- श्रमजीवी पत्रकारों को विधिक रूप से लागू वेतन भत्ते, भविष्य निधि, पेंशन, बीमा चिकत्सा तथा परिवहन भत्ते आदि उपलब्ध कराने के लिए प्रयास करना।
- शारीरिक अथवा आर्थिक रूप से कमजोर, अशक्त, बीमार व वृद्ध पत्रकारों और उनके आश्रितों की यथासंभव सहायता व सुरक्षा करना।
- असंगठित क्षेत्र के पत्रकारों को संगठित कर उनके हितों के संरक्षण के प्रयास करना।
- समाज के दबे, कुचले, अपेक्षित, आभावहीन लोगों के लिए शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रयास करना।
यूनियन की सदस्यता:
- यूनियन का एक सदस्यता रजिस्टर होगा । जिसमें सदस्योंका नाम, पता, उम्र आदि आवश्यक विवरण अंकित किया जायेगा । यह रजिस्टर पंजीकृत केन्द्रीय कार्यालय में रखा जायेगा और यूनियन के सदस्यों/पदाधिकारियों के निरीक्षण के लिए उपलब्ध होगा ।
- उत्तराखण्ड राज्य में कार्यरत् 18 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके पत्रकार/मीडियाकर्मी जिन्होंने इस क्षेत्र में कम से कम एक वर्ष कार्य किया है, यूनियन की सदस्यता के पात्र होंगे।
- पत्रकार या मीडियाकर्मी का अभिप्राय ऐसे व्यक्ति से है जिसका मुख्य व्यवसाय पत्रकारिता है और पत्रकार के रूप में किसी एक या अधिक समाचार पत्रों, समाचार एजेंसी अथवा स्थापन में पूर्णकालिक या अंशकालिक रूप से नियोजित हैं। सदस्यता के पात्र होगें ।
- लघु समाचार पत्र-पत्रिकाओं के स्वामी, दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक, मासिक, पत्र-पत्रिकाओं एवं इलैक्ट्रॉनिक मीडिया में काम करने वाले तथा प्रदेश, जिला, तहसील, विकास खण्ड अथवा नगर मुख्यालयों में कार्यरत् सक्रिय संवाददाता, ब्यूरो प्रमुख, संपादक, उप-संपादक, फीचर राइटर, प्रूफ रीडर, कापीराइटर, कार्टूनिस्ट और समाचार छायाकार यूनियन की सदस्यता के पात्र होंगे।
- स्वतंत्र पत्रकार, साहित्यकार, कवि, लेखक, व्यंगकार, चित्रकार जिनकी रचनाएं निरंतर समाचार पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होती हैं को भी यूनियन की सदस्यता प्रदान की जाएगी।
- सरकारी अथवा अर्धसरकारी संस्थान या राज्य व केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित संस्थान, निगम, निकाय के कर्मचारी सिर्फ स्वतंत्र लेखक, फीचर राइटर, के रूप में यूनियन के सदस्य बन सकेंगे।
- यूनियन के संस्थापक सदस्य कार्यकारणी में न रहने के बावजूद भी आजीवन यूनियन की बैठकों में सम्मानित और आमंत्रित सदस्य रहेंगे। जो संगठनात्मक कार्यों में सलाह व सुझाव दे सकेंगे ।
- निर्धारित सदस्यता फार्म पर आवेदन प्राप्त होने और तथ्यों की पूर्ण जॉंच के उपरान्त ही सदस्यता प्रदान की जायेगी।
नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स
पंजीकृत कार्यालय:
भट्ट भवन, बी-3, न्यू सुभाषनगर, ज्वालापुर
हरिद्वार, उत्तराखण्ड (भारत), पिन 249407
मोबाइल नम्बर- +91 7055165288, +91 9412071595