New Delhi .आयुष मंत्रालय के अंतर्गत नेशनल मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड, लद्दाख संघ शासित प्रदेश सहित पूरे देश में औषधीय पौधों के संरक्षण, विकास और सतत प्रबंधन पर एक केंद्रीय क्षेत्र योजना का क्रियान्वयन कर रहा है, जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार के हर्बल उद्यानों को विकसित करने तथा वन क्षेत्रों में औषधीय पौधों के संरक्षण, संसाधन संवर्धन के लिए परियोजना आधारित सहायता प्रदान करने का प्रावधान है।
वित्तवर्ष 2023-24 के दौरान 1.35 लाख रुपये की राशि के साथ केंद्रीय बौद्ध विद्या संस्थान (सीआईबीएस), चोगलामसर, लेह, लद्दाख के परिसर में “हर्बल गार्डन की स्थापना” शीर्षक से एक परियोजना प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है।
इसके अलावा, लद्दाख के ठंडे रेगिस्तानों में प्राथमिकता वाले औषधीय पौधों के संरक्षण की स्थिति, जर्मप्लाज्म संग्रह और संसाधन संवर्धन से संबंधित परियोजना की स्थापना की गई है, जिसकी स्वीकृत राशि 156.84 लाख रुपये है तथा आयुष मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के तहत नेशनल मेडिसिनल प्लांट्स बोर्ड (एनएमपीबी) द्वारा हिमालयन वन अनुसंधान संस्थान (एचएफआरआई) और राष्ट्रीय सोवा-रिग्पा संस्थान (एनआईएसआर), लेह, लद्दाख को विधिवत समर्थन दिया गया है।
ट्रांस हिमालय के कुछ लुप्तप्राय और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य औषधीय पौधों की खेती के अध्ययन और राष्ट्रीय सोवा-रिग्पा संस्थान (एनआईएसआर), लेह, लद्दाख में गुणवत्ता वाले जर्मप्लाज्म के उत्पादन से संबंधित एक चालू अनुसंधान एवं विकास परियोजना को भी 39.686 लाख रुपये की स्वीकृत राशि से समर्थन दिया गया है।